माराशिली पर्वत पर मौजूद हैं कई पौराणिक विरासतें, मां काली से भी है संबंध
Ranchi News : रांची के नामकुम में स्थित माराशिली पर्वत मात्र एक पर्वत नहीं, बल्कि कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार महिषासुर वध के बाद मां काली और राक्षस चंड-मुंड के सेनापति रक्तबीज के बीच इसी पर्वत पर संग्राम हुआ था। यहां मौजूद पौराणिक शिव-पार्वती के मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, वह अवश्य पूरी होती है।
नामकुम स्थित माराशिली पर्वत के महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज ने बाबा विद्यापति स्मारक समिति के कार्यालय में बाबा विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद माराशिली पर्वत की महिमा बताते हुए उपरोक्त बातें बताईं। उन्होंने कहा कि माराशिली पर्वत का बहुत ही अद्भुत पौराणिक महत्व है।
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खाली पैर चलने पर होती है अद्भुत अनुभूति
इस पर्वत की विशेषता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहां खाली पैर चलने पर पैरों में कहीं ठंडा, तो कहीं गर्मी महसूस होती है।
Ranchi News : महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज ने इस पर्वत की विशेषता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहां खाली पैर चलने पर पैरों में कहीं ठंडा, तो कहीं गर्मी महसूस होती है। उन्होंने माता रानी द्वारा राक्षस के वध, पर्वत के ऊपर मौजूद तालाब, गुफा आदि की विशेषताओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने सनातन धर्मावलंबियों से उत्तर भारत के इस महान माराशिली पर्वत के बारे में जानने का आग्रह करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियों को भी इसके बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाले समय में देश के हर कोने में मौजूद सनातन धर्मावलंबियों तक इस शक्तिपीठ की जानकारी पहुंचनी चाहिए, तभी सनातन धर्म की सही मायने में रक्षा हो सकेगी।
माराशिली पर्वत पर 15 वर्षों से अकेले रहते हैं महंथ
Ranchi News : उन्होंने बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से माराशिली पर्वत पर हर मौसम में अकेले ही रहते हैं। वहां कोई आश्रम भी नहीं है। ऐसी स्थिति में मौसम की मार के साथ ही वहां कई अन्य तरह के खतरे सामने रहते हैं। वहां जंगली जानवरों का खतरा भी हमेशा बना रहता है।
महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से सनातन धर्म की रक्षा का बीड़ा उठाया हुआ है। इसलिए ये सभी कष्ट उनके लिए बहुत ही छोटे हैं। उन्होंने सनातन धर्मावलंबियों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान भी किया।
समिति ने सांसद संजय सेठ से की आश्रम बनवाने की मांग
Ranchi News : माराशिली पर्वत के महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज के संबोधन के बाद बाबा विद्यापति स्मारक समिति के कार्यकारी अध्यक्ष जयंत झा ने रांची के लोकसभा सांसद संजय सेठ से फोन पर बात की और उन्हें महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज की पीड़ा के बारे में जानकारी दी।
महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज (जूना अखाड़ा, 13 मढ़ी) अकेले ही अपनी जान को जोखिम में डालकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए पिछले 15 वर्षों से माराशिली पर्वत पर निवास कर रहे हैं।
जयंत झा ने सांसद को बताया कि महंथ नागा लाल गिरि जी महाराज (जूना अखाड़ा, 13 मढ़ी) अकेले ही अपनी जान को जोखिम में डालकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए पिछले 15 वर्षों से माराशिली पर्वत पर निवास कर रहे हैं। कोई आश्रम न होने के कारण उन्हें कई खतरों का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने सांसद संजय सेठ से माराशिली पर्वत पर एक आश्रम बनवाने का आग्रह भी किया।
कार्यक्रम में ये थे मौजूद
Ranchi News : रांची के कचहरी चौक पर स्थित बाबा विद्यापति स्मारक समिति के कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष जयंत झा के अतिरिक्त मनोज दुबे, पवन कुमार, अनूप गुप्ता, जयशंकर दुबे, टिंकू यादव, रमेश भारती, भानू कच्छप, अशोक पांडेय सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।
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