अभाविप झारखंड के छात्र नेता दुर्गेश ने झारखंड सरकार की मंशा पर उठाए सवाल, कहा – छात्रों में बढ़ रहा है रोष
Ranchi News : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने JSSC CGL को लेकर झारखंड सरकार पर तीखा प्रहार किया है। परिषद के युवा छात्र नेता दुर्गेश कुमार ने झारखंड सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि अब झारखंड में छात्रों का धैर्य जवाब देने लगा है और छात्रों में लगातार रोष बढ़ते जा रहा है।
दुर्गेश कुमार ने आरोप लगाया कि पिछले 8 साल से JSSC CGL के लिए आवेदन लिया जा रहा है, लेकिन आज तक परीक्षा नहीं हुई है। इस कारण पूरे झारखंड के छात्र असमंजस की स्थिति में हैं। कई छात्रों की तो उम्र भी निकल चुकी है। सरकार के रवैये को देखते हुए झारखंड के छात्र खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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इस वर्ष भी परीक्षा होगी या नहीं, असमंजस बरकरार
दुर्गेश कुमार ने कहा कि सरकार इस वर्ष भी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (JSSC CGL) आयोजित करवाएगी या नहीं, इसे लेकर छात्रों में असमंजस बरकरार है। इस परीक्षा के लिए उम्मीदवार वर्ष 2015 यानी पिछले 8 वर्षों से इंतजार ही करते रह गए हैं।
JSSC द्वारा चौथी बार आवेदन लेने के बाद इस बार अभ्यर्थियों की उम्मीदें बढ़ तो गई हैं, लेकिन असमंजस भी बरकरार है।
उन्होंने कहा कि यह हाल तो तब है, जब इन 8 वर्षों के दौरान उम्मीदवारों से 4 बार आवेदन भी मंगवाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि JSSC द्वारा चौथी बार आवेदन लेने के बाद इस बार अभ्यर्थियों की उम्मीदें बढ़ तो गई हैं, लेकिन असमंजस भी बरकरार है। इसका बड़ा कारण यह है कि JSSC ने आवेदन लेने के बाद भी परीक्षा की अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की है।
अभ्यर्थियों को वेबसाइट देखते रहने का निर्देश
JSSC CGL की परीक्षा पर असमंजस के बीच दुर्गेश कुमार ने झारखंड सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि JSSC ने परीक्षा की अंतिम तिथि निर्धारित करने के बजाय अभ्यर्थियों को वेबसाइट देखते रहने का निर्देश दिया है। आयोग ने परीक्षा के लिए केवल संभावित तिथि ही जारी की थी, जो 16 और 17 सितंबर थी।
इतना ही नहीं, आयोग ने यह भी नहीं बताया है कि परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) कब निर्गत किया जाएगा। आयोग का कहना है कि इसकी जानकारी भी अभ्यर्थियों को वेबसाइट से ही दी जाएगी। इसे लेकर अभ्यर्थियों का असमंजस और भी बढ़ गया है।
परीक्षा न होने से रुकी हैं ये नियुक्तियां
छात्र नेता दुर्गेश कुमार ने बताया कि JSSC CGL की परीक्षा न होने के कारण अनेक नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं। इनमें सहायक शाखा अधिकारी के 863 पद, कनिष्ठ सचिवालय सहायक के 335 पद, श्रम प्रवर्तन अधिकारी के 182 पद, योजना सहायक के 5 पद, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के 195 पद, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के 252 पद और सर्किल इंस्पेक्टर सह कानूनगो के 185 पद शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि JSSC CGL की परीक्षा के लिए 8 वर्षों में लगातार आवेदन मंगवाकर अभ्यर्थियों के मन में आशा की किरण तो जगाई गई, लेकिन हर बार उनके साथ धोखा हुआ। इसके कारण अभ्यर्थियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है।
वर्ष 2015 से ही लिया जा रहा आवेदन
दुर्गेश कुमार ने बताया कि JSSC CGL परीक्षा के लिए उम्मीदवारों से वर्ष 2015 से ही आवेदन लिया जा रहा है। परीक्षा के लिए पहली बार 2015 में विज्ञापन निकाला गया था। परीक्षा नहीं हुई और फिर 2019 में आवेदन के लिए विज्ञापन निकला गया। इसके बाद तीसरी बार वर्ष 2021 में उम्मीदवारों से आवेदन मंगवाया गया। लेकिन इस साल भी परीक्षा नहीं ली गयी।
छात्र कुछ राहत तो महसूस कर रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने के बाद एक महीने से भी अधिक का समय गुजर चुका है।
उन्होंने कहा कि अब चौथी बार वर्ष 2023 में परीक्षा के लिए विज्ञापन के माध्यम से आवेदन मंगाए गए हैं। इससे छात्र कुछ राहत तो महसूस कर रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने के बाद एक महीने से भी अधिक का समय गुजर चुका है। इसके बाद भी झारखंड कर्मचारी आयोग की ओर से परीक्षा की केवल संभावित तिथि ही जारी की गई है।
दुर्गेश कुमार के अनुसार आयोग के इस रवैये के कारण अभ्यर्थियों में फिर से असमंजस बढ़ता जा रहा है। सरकार को अपनी मंशा साफ करनी चाहिए और जल्द से जल्द परीक्षा की तिथि प्रकाशित करनी चाहिए, ताकि छात्रों में असमंजस की स्थिति न बने।
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