भाजपा के सांसद रहे दिवंगत शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच की मारपीट का है वीडियो, कांग्रेसियों का नहीं
Fact Check : खोजू पत्रकार (Khojoo Patrakaar) की पड़ताल में एक नए झूठे वायरल वीडियो का पता चला है। दावा है कि इस वीडियो में कांग्रेसी नेता आपस में भिड़ गए हैं। दावे के अनुसार यह मारपीट मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद की है। लेकिन हमारी पड़ताल में यह दावा पूरी तरह से झूठा निकला। इस वीडियो में भिड़ते दिखाई देने वाले नेता भाजपा के हैं और यह वीडियो मार्च 2019 का है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें दो नेताओं को गाली-गलौज और मारपीट करते देखा जा सकता है।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची 15 अक्टूबर को और दूसरी सूची 19 अक्टूबर को जारी की थी। इसके बाद कांग्रेस के कई नेताओं में असंतोष भी दिखाई दिया। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें दो नेताओं को गाली-गलौज और मारपीट करते देखा जा सकता है।
Fact Check in Hindi
आखिर क्या है दावा?
Fact Check : जब Khojoo Patrakaar को कुछ यूजर्स ने वायरल होते इस वीडियो की जानकारी देकर इसकी सच्चाई के बारे में पूछा, तो हमने इसकी पड़ताल की। वायरल किए गए इस वीडियो के साथ दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, वे हताशा में ऐसा कर रहे हैं।
पड़ताल के दौरान हमने देखा कि Facebook के यूजर Rajesh Kumar ने 19 अक्टूबर को 30 सेकंड का एक वीडियो क्लिप अपलोड करके दावा किया है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद आपस में भिड़े कांग्रेसी। हमारी पड़ताल में यह वीडियो कांग्रेसी नेताओं का नहीं, बल्कि भाजपा नेताओं का निकला। यानी यह दावा पूरी तरह से झूठा है।
Fact Check
पड़ताल में हमें क्या जानकारी मिली?
Fact Check : जब Khojoo Patrakaar ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया, तो पता चला कि यह वीडियो मार्च 2019 का है। इस वीडियो में मारपीट और गाली-गलौज करते दिखने वाले नेता यूपी के संतकबीर नगर से भाजपा सांसद रहे दिवंगत शरद त्रिपाठी और मेहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल हैं।
शिलापट्ट पर नाम न होने के कारण तत्कालीन सांसद शरद त्रिपाठी भड़क गए थे और विधायक राकेश सिंह बघेल के साथ पहले उनकी बहस और फिर मारपीट हो गई थी।
पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि यह वीडियो इंडिया टीवी के YouTube चैनल पर 7 मार्च, 2019 को अपलोड हुआ था। इंडिया टीवी की उस रिपोर्ट के अनुसार शिलापट्ट पर नाम न होने के कारण तत्कालीन सांसद शरद त्रिपाठी भड़क गए थे और विधायक राकेश सिंह बघेल के साथ पहले उनकी बहस और फिर मारपीट हो गई थी।
Khojoo Patrakaar
कांग्रेसियों की मारपीट के नाम पर क्यों हुआ वायरल?
Fact Check : अपनी पड़ताल के दौरान Khojoo Patrakaar को पता चला कि कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर उभरे असंतोष को दिखाने के लिए इस वीडियो को जानबूझकर कांग्रेसी नेताओं के बीच की मारपीट के नाम पर वायरल किया गया है। जबकि इस वीडियो में मारपीट करते नजर आ रहे नेता कांग्रेसी नहीं, बल्कि भाजपाई हैं।
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज संजीव सिंह के अनुसार भी इस वीडियो का कांग्रेस पार्टी से कोई संबंध नहीं है और वायरल दावा पूरी तरह से झूठा है।
यह जानकारी भी मिली है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने 15 अक्टूबर और 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे के बाद पार्टी छोड़ दी, जिसके बाद इस वीडियो को कांग्रेसी नेताओं की मारपीट का वीडियो बताकर वायरल किया गया। कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज संजीव सिंह के अनुसार भी इस वीडियो का कांग्रेस पार्टी से कोई संबंध नहीं है और वायरल दावा पूरी तरह से झूठा है।
Fact Check in Hindi
पड़ताल के बाद क्या निकला निष्कर्ष?
Fact Check : Khojoo Patrakaar की पड़ताल में वायरल पोस्ट और वीडियो में किया गया दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ। पड़ताल से साबित हुआ कि यह वीडियो यूपी के दो भाजपा नेताओं के बीच की मारपीट का है और कांग्रेस पार्टी के किसी भी नेता से इसका कोई संबंध नहीं है।
इसके अलावा, Facebook पर यह फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर Rajesh Kumar की प्रोफाइल की पड़ताल में यह भी पता चला कि इनके एक हजार फॉलोवर हैं और ये दिल्ली के रहने वाले हैं।
Khojoo Patrakaar की अपील : अगर आपके पास कोई ऐसी सूचना या अफवाह पहुंची है, जो आपको झूठी या संदिग्ध लगती है, तो हमें बताएं। हम उसकी पड़ताल करके पूरा सच सामने लाने का प्रयास करेंगे। सच सबके सामने आना चाहिए। झूठ और अफवाह पर रोक लगाने के लिए अभी कदम उठाएं।
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