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Press Act : नए प्रेस एक्ट के विरोध और डिजिटल पत्रकारिता की मान्यता को लेकर लामबंद हुए पत्रकार

Journalists Mobilized Against The New Press Actनए Press Act के खिलाफ लामबंद हुए पत्रकार
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने जताया नए प्रेस एक्ट का विरोध, राजस्थान के जोधपुर में PM Modi के नाम सौंपा ज्ञापन

Jodhpur News : जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (JCI) ने नए प्रेस एक्ट (Press Act) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। साथ ही संस्था ने डिजिटल पत्रकारिता को मान्यता देने की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज करने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसी क्रम में जेसीआई के राजस्थान प्रदेश संयोजक राकेश वशिष्ठ के नेतृत्व में जोधपुर के जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।

बता दें कि पत्रकारों के हित में निरंतर अग्रणी भूमिका निभाने वाली राष्ट्रीय संस्था जेसीआई ने जोधपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान उनके नाम ज्ञापन सौंपने की तैयारी की थी। इसी क्रम में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने निर्देश पर राजस्थान प्रदेश संयोजक राकेश वशिष्ठ के नेतृत्व में लामबंद हुए पत्रकारों ने जिला कलेक्टर को PM Modi के नाम ज्ञापन सौंपा।

Jodhpur News in Hindi

क्या है नया प्रेस एक्ट?

जेसीआई के राजस्थान प्रदेश संयोजक राकेश वशिष्ठ ने बताया कि विगत 25 सितंबर को जारी एडवाइजरी टू पब्लिशर्स के माध्यम से नए Press Act के अनुसार सभी छोटे प्रकाशकों के ऊपर कई पाबंदियां थोप दी गई हैं। इसके अंतर्गत इन प्रकाशकों को अपने समाचार पत्रों के प्रकाशन के बाद 48 घंटे के अंदर उसकी प्रति PIB के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जमा करवाने का निर्देश जारी किया गया है।

छोटे प्रकाशकों के लिए यह किसी भी तरह संभव नहीं है कि वे अपने समाचार पत्र के प्रकाशन के बाद 48 घंटों के अंदर उसकी प्रति PIB के कार्यालय में जमा करवा सकें।

उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से इस निर्देश का अनुपालन कर पाना संभव नहीं है क्योंकि मार्च 2023 तक भारत के 28 राज्यों के जिलों की संख्या बढ़कर 752 हो गई है और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद जिलों की संख्या 45 हो चुकी है।

राकेश वशिष्ठ ने बताया कि देश में PIB के कार्यालयों की संख्या मात्र 28 है। ऐसी स्थिति में छोटे प्रकाशकों के लिए यह किसी भी तरह संभव नहीं है कि वे अपने समाचार पत्र के प्रकाशन के बाद 48 घंटों के अंदर उसकी प्रति PIB के कार्यालय में जमा करवा सकें।

लोकतंत्र का मुंह बंद करने की साजिश

राकेश वशिष्ठ ने कहा कि नया Press Act छोटे पत्रकारों और प्रकाशकों सहित लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का मुंह बंद करने के लिए लाया गया है। यह कहीं से भी उचित और न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया इस नए प्रेस एक्ट का पुरजोर विरोध करता है।

डिजिटल पत्रकारिता को मिले मान्यता

उन्होंने कहा कि अब डिजिटल युग आ चुका है और ऐसी स्थिति में नए Press Act में डिजिटल पत्रकारिता के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। इसलिए PM Modi के नाम सौंपे ज्ञापन में उभरते हुए सभी छोटे-बड़े प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को नियमानुसार पंजीकृत करने और मान्यता देने की मांग भी की गई है।

राकेश वशिष्ठ ने बताया कि आए दिन पत्रकारों के साथ मारपीट और गाली-गलौज की घटनाएं आम हो गई हैं। इसलिए जेसीआई ने ज्ञापन के माध्यम से देश भर के सभी छोटे-बड़े प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून को प्रमुखता से लागू करने की मांग की है।

पत्रकारों का बने आयुष्मान कार्ड, मिले अन्य सुविधाएं

जेसीआई के राजस्थान प्रदेश संयोजक राकेश वशिष्ठ ने बताया कि नए Press Act को लेकर सौंपे गए ज्ञापन में पत्रकारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आयुष्मान योजना के तहत सभी पत्रकारों का आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की मांग भी की गई। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकार साथियों को सस्ती दर पर आवासीय प्लॉट और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना भी प्रदान की जाए।

यदि किसी पत्रकार साथी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाता है। इसलिए पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि खबर की कवरेज के दौरान दुर्घटना में यदि किसी पत्रकार साथी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाता है। इसलिए ज्ञापन में ऐसी स्थिति से पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग भी की गई है।

जारी रहेगा नए प्रेस एक्ट का विरोध

राकेश वशिष्ठ ने कहा कि जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया देश के छोटे-बड़े प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों का एक राष्ट्रयापी संगठन है। यह नए Press Act के माध्यम से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के मुंह पर ताला लगाने की साजिश का विरोध जारी रखेगा।

उन्होंने देश भर के सभी छोटे-बड़े प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों से जेसीआई के बैनर तले एकजुट होकर पत्रकार हित में आगे बढ़ने का आह्वान भी किया।

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